Friday, September 11, 2020

उपराष्ट्रपति ने देश में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया

11-सितम्बर-2020 13:59 IST
छात्रों को कक्षाओं के बाद  शेष आधा वक़्त मैदान में बिताना चाहिए 
फिट रहने के कई तरीके सदियों से लोकप्रिय हैं-YAS Ministry फोटो 

*असाधारण खिलाड़ी उत्कृष्ट नेता भी बन सकते हैं: उपराष्ट्रपति 
*युवा खेल प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए प्रभावी प्रतिभा निगरानी प्रणाली का आह्वान
*देश में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की आवश्यकता है 
*अधिक कुशल भारतीय कोचों के बड़े पूल का निर्माण करने पर भी ज़ोर दिया
*खेल प्रबंधन में पाठ्यक्रम की पेशकश करने के लिए अधिक शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह 
*देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है
*हमें मजबूत सपोर्ट सिस्टम की जरूरत है
*पंजाब विश्वविद्यालय को वर्ष 2020 के लिए मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी जीतने पर बधाई दी
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को तनाव मुक्त जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेल, योग या फिर किसी अन्य शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाना चाहिए।
गांव के लोग आज भी किसी आधुनिक  मोहताज नहीं--YAS Ministry फोटो 

श्री नायडू पंजाब विश्वविद्यालय को वर्ष 2020 के लिए लगातार दूसरी बार खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रतिष्ठित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी जीतने पर बधाई भाषण दे रहे थे। उन्होंने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सक्रिय रूप से खेलों को और अधिक बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया।
श्री नायडू ने पंजाब विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस ट्रॉफी के लिए संक्षिप्त नाम के उपयोग नहीं करने की हिदायत दी, बल्कि उन्हें हमेशा इसे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी के रूप में उल्लेख करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि छात्रों को अपना आधा समय कक्षाओं में और शेष आधा वक़्त मैदान में बिताना चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि मैदान से उनका तात्पर्य खेल मैदान, कृषि क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र से है।
यह देखते हुए कि खेलों में उत्कृष्टता अथक परिश्रम, योजना और दृढ़ संकल्प से आएगी, उपराष्ट्रपति ने शैक्षणिक प्रतिभा के साथ-साथ खेल उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय के प्रशिक्षकों, प्रबंधन, कर्मचारियों और छात्रों की काफी सराहना की।
देश में, खासकर युवाओं में जीवनशैली से सम्बंधित बीमारियों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे युवाओं को अस्वास्थ्यकर आहार और आरामतलब जीवनशैली के खतरों से अवगत कराना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
श्री नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "फिट इंडिया अभियान" की सराहना की और कहा कि यह निश्चित रूप से लोगों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
ग्रामीण स्कूलों के बच्चे भी भी इसी तरह बढ़े होते हैं--YAS Ministry फोटो 
श्री नायडू ने कहा कि खेल और खेल संबंधी अन्य गतिविधियां हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये हमारी शारीरिक फिटनेस में सुधार करती हैं। उन्होंने कहा कि खेल हमारी संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करता है और समूहिक खेल हमारे सामाजिक कौशल को बढ़ाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेल एकरूपता का दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि यह संतुलन बिना किसी कटुता, कुंठित इच्छा या कुत्सित भावना के असफलताओं और बाधाओं को स्वीकार करने के लिए आवश्यक है।
श्री नायडू ने कम उम्र से ही खेल प्रतिभाओं की पहचान करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही उन्होंने इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक प्रभावी और व्यापक प्रतिभा निगरानी और स्काउटिंग प्रणाली की व्यवस्था का आह्वान किया।
देश में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, खेल के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए, श्री नायडू ने देश में ही प्रशिक्षित उच्च कुशल भारतीय कोचों का पूल बनाने आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोच काफी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभाते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से खेल प्रबंधन में अधिक संख्या में डिग्री और डिप्लोमा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन अधिक बेहतर करने के लिए कुशल खेल चिकित्सा विशेषज्ञों और पेशेवरों का एक संगठन बनाना चाहिए।
श्री नायडू ने उन क्षेत्रों में अधिक संसाधनों के निवेश के महत्व को रेखांकित किया जिनमें भारत को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है। खिलाड़ियों को राष्ट्रीय गौरव के रूप में करार देते हुए, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि परिश्रम के साथ, भारत अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में कई और पुरस्कार जीतकर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और इसके लिए हमें मजबूत समर्थन प्रणाली की जरूरत है।
इस अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज कुमार और खेल निदेशक, कोच तथा पुरस्कार विजेता उपस्थित थे।
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Monday, September 7, 2020

महंगा पड़ा क्रिकेट बाल पर सेनेटाइज़र लगाना

 जांच का नतीजा आने तक मिच क्लेडन को निलंबित किया गया  
लंदन: 6 सितंबर 2020: (इंटरनेट//खेल स्क्रीन):: 
प्रथम श्रेणी क्रिकेटर मिच क्लेडन
कोरोना का युग है और सेनिटाईज़र का रिवाज। लोग बार बार हाथ धोने लगे हैं। बार बार सेनिटाईज़र लगाने लगे हैं। इसी धुन में लोग  चीज़ों को भी सेनिटाईज़ करने लगे हैं।  आदत के कारण नया विवाद खबरों में है।आस्ट्रेलिया में जन्में इंग्लैंड के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर मिच क्लेडन को गेंद पर कथित तौर पर सेनेटाइज़र लगाने के लिए उनकी काउंटी टीम ससेक्स ने निलंबित किया है। मीडिया में इसे लेकर सुर्खिया आ रही हैं। 
सैंतीस साल के दायें हाथ के तेज गेंदबाज क्लेडन पर मिडिलसेक्स के खिलाफ पिछले महीने हुए मैच के दौरान गेंद पर सेनेटाइजर लगाने के आरोप लगे थे। उन्होंने इस मैच में तीन विकेट चटकाए थे। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इस मामले की जांच शुरू की है। जल्द ही जाँच का नतीजा भी सामने आ जायेगा। 
ससेक्स ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि मिडिलसेक्स के खिलाफ हमारे मैच के दौरान गेंद पर सेनेटाइजर लगाने के आरोपों की ईसीबी की जांच का नतीजा आने तक मिच क्लेडन को निलंबित किया जाता है। इस समय और कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।
कोरोना वायरस महामारी के बीच कड़े स्वास्थ्य नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और विभिन्न देशों के बोर्ड ने गेंद को चमकाने के लिए गेंद पर लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया है लेकिन साथ ही किसी अन्य कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल को भी स्वीकृति नहीं दी गई है। इस निलंबन के कारण यह अनुभवी तेज गेंदबाज सरे के खिलाफ टीम के अगले बॉब विलिस ट्रॉफी मैच में नहीं खेल पाएगा।

Tuesday, August 25, 2020

सपने सुहाने लड़कपन के जब सच होते हैं तो....

 अर्जुन अवार्ड जीतने वाली दीपिका को हर तरफ से बधाई 
नई दिल्ली: 25 अगस्त 2020:(खेल स्क्रीन ब्यूरो)::
रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला की जोशीली खिलाडी दीपिका अक्सर कमाल दिखाती रही है। इस बार उसने अर्जुन अवार्ड जीता है। एक गौरवपूर्ण उपलब्धि। दीपिका ने 2016 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की अगवानी की थी। भारतीय रेलवे ने दीपिका की उपलब्धिओं पर गर्व व्यक्त किया है। 
भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी दीपिका ठाकुर का नाम देश के उन 29 खिलाड़ियों में शामिल हो गया है, जिन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इनके नाम की सिफारिश एक सप्ताह पूर्व मंगलवार को खेल मंत्रालय की पुरस्कार चयन समिति ने इस साल के अर्जुन पुरस्कार के लिए की थी। दीपिका ठाकुर भारतीय महिला हॉकी टीम की उपकप्तान दीपिका ठाकुर का नाम 2017 में भी अर्जुन अवार्ड के लिए चर्चा में था।
घर में न अमीरी थी न ही कोई बहुत बड़े अवसर। बस एक लगन लगी और जनून बन गई।दीपिका ठाकुर का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ। बस दाल रोटी चल रही थी। इससे ज़्यादा की उड़ान तो सपने में भी सम्भव नहीं लगती थी। उनके स्वर्गवासी पिता राम नारायण ठाकुर यमुनानगर स्थित पेपर मिल में काम करते थे। जबकि मां ज्ञानती देवी गृहणी हैं। दीपिका का  बचपन पेपर मिल में ही व्यतित हुआ। लेकिन यहीं पर पैदा हुई बचपन से ही खेल में रूचि जो बढ़ती चली गई। पेपर मिल के मैदान में खिलाड़ियों को देख कर उसे अपने सपने और स्पष्ट दिखने लगते। वह उन सपनों के लिए ऊर्जा और जनून एकत्र करती रही। अपने लक्ष्य के लिए रास्ता तैयार करती रहीं। रास्ते आसान नहीं थे लेकिन वह अडिग रही। किसी मुसीबत से न घबराई। स्कूल में ही दीपिका ने हॉकी थाम ली थी। हॉकी घूमाते व खेलते देख सभी ने उसे कॉचिंग व ट्रेनिंग दिलवाने की बात कही। जिसके बाद दीपिका यमुनानगर में कोच दविंद्र साहनी के नेतृत्व में कोचिंग लेनी लगीं। आगे की पढ़ाई के लिए वह चंण्ड़ीढ़ चली गईं जो एक नया मोड़ भी साबित हुआ। 
हॉकी के [प्रति उसका जनून यहां भी ख्याति अर्जित करने लगा। कोच जसविंद्र सिंह ने दीपिका को तैयार किया। इस दौरान दीपिका ने कई डिस्ट्रिक, स्टेट और नेशनल मैच खेले और अपनी कुशलता साबित की। आखिर सन 2004 में वह पल आया जिसे दीपिका सहित परिजनों को बेसब्री से इंतजार था। दीपिका को अपनी मंजिल का पहला पड़ाव मिला और उनका चयन राष्ट्रीय टीम के लिए हुआ। उसकी उड़ान को सशक्त पंख मिले। उसके सपने साकार होते नज़र आने लगे। हर रोज़ नया आसमान नज़र आता। नै मंज़िलों के पटे मिलते। इस के बाद दीपिका ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर प्वाइंट पर फ्लो कर हिट करने का दम रखने वाली दीपिका 240 इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं। हर बार कमाल कर दिखाया। बहुत से मुकाबले अपने और अपनी टीम के नाम किये। रेल मंत्रालय ने भी उसे विशेष टवीट करके बधाई दी है। 

Monday, August 24, 2020

म.प्र. शूटिंग अकादमी के प्रशिक्षक जसपाल राणा को द्रोणाचार्य अवार्ड

Monday: 24th August 2020 at 16:15 IST
 खेल मंत्री सहित बहुत से लोगों ने दी बधाई-राणा हुए भावुक 
भोपाल: सोमवार: 24 अगस्त 2020: (PRD//खेल स्क्रीन)::
मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी के हाई परफॉरमेंस पिस्टल शूटिंग प्रशिक्षक श्री जसपाल राणा को इस वर्ष प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये नामांकित किया है। खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने श्री राणा को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है।

मंत्री श्रीमती सिंधिया ने बधाई देते हुए कहा है कि श्री राणा ने खिलाड़ी के रूप में मात्र 18 वर्ष की उम्र में अर्जुन अवार्ड प्राप्त किया था और अब प्रशिक्षक के रूप में देश के प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी नवाजा जायेगा। उन्होंने कहा कि पद्मश्री श्री जसपाल राणा द्वारा दिये गये बेहतरीन प्रशिक्षण का नतीजा है कि म.प्र. राज्य शूटिंग अकादमी की खिलाड़ी कु. चिकी यादव म.प्र. की पहली ऐसी खिलाड़ी है जिन्होंने टोकयो ऑलम्पिक के लिये भारत का कोटा प्राप्त किया है।

श्रीमती सिंधिया ने श्री जसपाल राणा को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी है।
जन्म हुआ  28 जून 1976 को चिलामू, टिहरी गढ़वाल में। एक ऐसा इलाका जहां दैनिक जन जीवन भी बहुत कठिन होता है।  यह कठिनाई ही इंसान को बहुत से परीक्षाएं पास  करने सक्षम बना देती है। यह इस भूमि पर पैदा होने वालों को इस धरती मां की सौगात समझ लीजिये। इस समय भारत के प्रसिद्ध निशानेबाज हैं तो इस उपलब्धि में इस भूमि का वरदान भी है। वर्ष 1995 की कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में 8 स्वर्ण जीतकर जसपाल राणा ने नया रिकॉर्ड बनाया था जो अपने आप में एक विशेष उपलब्धि था।  भारत के दो अन्य निशानेबाजों राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और अभिनव बिन्द्रा ने ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजी का इतिहास रचा था, किंतु यदि यह कहा जाए कि जसपाल राणा ने इस भरोसे की नींव रखी थी तो ग़लत नहीं होगा। उस समय भी उन्होंने धरती मान का वंदन किया था। उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने एशियाई, विश्व कामनवेल्थ, राष्ट्रमण्डल व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकार्ड स्थापित किए हैं। अब द्रोणाचार्य अवार्ड का मिलना हम सभी  लिए गर्व की बात है। 
बिन्दु सुनील और डेस्क 

Saturday, August 15, 2020

प्रत्येक नागरिक के बीच फिटनेस को बढ़ावा देना बेहद आवश्यक

प्रविष्टि तिथि: 15 AUG 2020 4:17 PM by PIB Delhi
 खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने शुरू की फिट इंडिया यूथ क्लबों की पहल 
नई दिल्ली: 15 अगस्त 2020: (PIB//खेल स्क्रीन)::
प्रधानमंत्री के विज़न फिट इंडिया आंदोलन के एक हिस्से के रूप में फिट इंडिया यूथ क्लब का प्रयास देश भर में फिटनेस के महत्व के बारे में आम जागरूकता पैदा करने के लिए युवाओं की शक्ति का उपयोग करने का प्रयत्न करता है।
फिट इंडिया यूथ क्लब अनूठे तरीके से फिटनेस और संकल्प को एक साथ जोड़ता है जिसमें स्काउट्स एवं गाइड्स, एनसीसी एवं अन्य युवा संगठनों के साथ साथ नेहरू युवा केंद्र संगठन और नेशनल सर्विस स्कीम के 75 लाख वालंटियर एक जिला इकाई के तत्वाधान में देश के प्रत्येक ब्लॉक में फिट इंडिया यूथ क्लब के रूप् में पंजीकरण करने के लिए साथ आएंगे और क्लब का प्रत्येक सदस्य समुदाय के लोगों को उनकी रोजमर्रा के रूटीन में 30 से 60 मिनट तक फिटनेस गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा। इसके अतिरिक्त, क्लब प्रत्येक तिमाही में एक समुदाय फिटनेस प्रोग्राम आयोजित करने के लिए स्कूलों और स्थानीय निकायों को प्रोत्साहित करेगा।
इस पहल की चर्चा करते हुए, श्री रिजिजू ने कहा कि, ‘ केवल एक फिट नागरिक ही समुचित रूप से अपने देश के प्रति योगदान दे सकता है और साथी नागरिकों को आवश्यकता के क्षणों में सहायता कर सकता है। भारत 1.3 बिलियन लोगों का देश हैं और हमारे पास पहले से ही 75 लाख वोलंटियर हैं और जल्द ही यह संख्या 1 करोड़ तक पहुंच जाएगी। मुझे भरोसा है कि ये एक करोड़ वोलंटियर नियमित रूप से फिटनेस कार्यकलाप करने के लिए देश के कोन-कोने में कम से कम 30 करोड़ भारतीयों को प्रेरित कर सकते हैं। समय बीतने के साथ वोलंटियरों की संख्या और जिन्हें फिट इंडिया आंदोलन के लिए प्रेरित किया जा सकता है, उनकी संख्या भी बढ़ जाएगी और जल्द ही हम प्रत्येक भारतीय तक पहुंचने में भी सक्षम होंगे। ‘
फिट इंडिया यूथ क्लबों द्वारा आरंभ की जाने वाली प्रथम पहलों में एक फिट इंडिया फ्रीडम रन को लोकप्रिय बनाना है जो 15 अगस्त से 2 अक्टूबर तक चलता है और यह एक अनूठी अवधारणा है जो प्रतिभागियों को उनकी गति और उनके स्थान पर दौड़ने का और दौडने के अपने रास्तों की खुद योजना बनाने का अवसर देता है। यह दौड़ पहले ही देश भर में लोकप्रिय हो चुकी है और विख्यात एथलीटों से लेकर, कॉरपोरेट के नेता, सैनिक, स्कूली छात्र इसमें हिस्सा लेते हैं तथा सोशल मीडिया पर #Run4India एवं #NewIndiaFitIndia साथ स्वाधीनता दिवस दौड़ों की तस्वीर तथा वीडियो डालते हैं।
‘फिट इंडिया आंदोलन 29 अगस्त को एक वर्ष पूरे कर लेगा। उन विभिन्न समारोहों की तरह जिन्हे पिछले वर्ष आयोजित किया गया है, फिट इंडिया फ्रीडम रन ने भी देश के प्रत्येक वर्ग को आकर्षित किया है। सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीबीएसई स्कूलों, सीआईसीएसई स्कूलों, हमारे अपने एनएसएस, एनवाईकेएस वोलंटियर, स्काउट्ए एवं गाईड्स जैसे विभिन्न संगठन सक्रिय हिस्सा ले रहे हैं। हमलोग मूल्यांकन करेंगे कि किस ब्लॉक, जिला एवं शहर ने दौड़ में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। एक लक्ष्य निर्धारित करना और एक राष्ट्र के रूप में अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है। ‘ 
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Wednesday, August 5, 2020

प्रतिभाओं की पहचान के लिए वार्षिक खेलो इंडिया की मेजबानी करें

प्रविष्टि तिथि: 04 AUG 2020 8:34PM by PIB Delhi
 खेल मंत्री का राज्यों से अनुरोध कि वे जमीनी स्तर का काम तेज़ करें 
नई दिल्ली: 4 अगस्त 2020: (PIB//खेल स्क्रीन)::
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज खेलो इंडिया योजना की पहली आम सभा की बैठक की अध्यक्षता की और राज्य के खेल विभागों और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों को संबोधित किया। बैठक के दौरान बोलते हुए उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे राज्य स्तरीय खेलो इंडिया गेम्स के वार्षिक आयोजन की मेजबानी करें ताकि बड़े पैमाने पर जमीनी स्तर की प्रतिभाओं की पहचान की जा सके। बैठक में खेल सचिव श्री रवि मित्तल; भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक श्री संदीप प्रधान और खेल मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
      श्री किरेन रिजिजू ने कहा,“खेलो इंडिया योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली वार्षिक प्रतियोगिताओं, जैसे कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स, ने सभी राज्यों से खेल प्रतिभाओं को पहचानने में मदद की है।हालांकि, यह पर्याप्त नहीं है। हर राज्य जमीनी स्तर की प्रतिभा की पहचान करने और राज्य से खेल प्रतिभाओं को एक बड़ा मंच देने के लिए वार्षिक खेलो इंडिया गेम्स का आयोजन कर सकता है। राज्य जो पहले से ही वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं का संचालन करते हैं, वे खेलो इंडिया स्कीम के साथ जुड़ सकते हैं और केंद्र इन आयोजनों को संचालित करने में उनका समर्थन करेगा।”
      जमीनी स्तर की प्रतिभाओं की पहचान के महत्व को बताते हुए खेल मंत्री ने कहा,“भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने के लिए हमें 5-10 वर्ष आयु वर्ग की प्रतिभाओं को पहचानना होगा और उन्हें भविष्य में चैंपियन बनने में मदद करनी होगी।ओलंपिक के लिए एक एथलीट को तैयार करने में कम से कम 8 साल लगते हैं, और यदि हम बाद के स्तर पर प्रतिभा की पहचान करते हैं, तो ओलंपिक पोडियम पर इसे बनाने की उनकी संभावना सीमित है। इसलिए, राज्यों को युवा प्रतिभा की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और राज्य, जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करना महत्वपूर्ण है।”
      केंद्रीय खेल मंत्री ने पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और उत्तर पूर्व भारत के लिए 5 क्षेत्रीय प्रतिभा स्काउटिंग समितियों की बात की और 24 खेल विषयों में जमीनी स्तर की प्रतिभा की पहचान करने में इन समितियों की सहायता करने में राज्यों की सक्रिय भागीदारी के लिए कहा। उन्होंने कहा,“फिर पहचानी गई प्रतिभाओं को राज्य सरकार या एसएआई केंद्रों में प्रशिक्षित किया जा सकता है। हमें प्रतिभाओं की पहचान करने में राज्य सरकारों से इनपुट की आवश्यकता है।”
      मंत्री ने राज्यों को प्राथमिकता के तौर पर खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ खेल बुनियादी ढांचे की पहचान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा,“हम पहले ही 8 राज्यों की पहचान कर चुके हैं, जहां केआईएससीई की स्थापना की जाएगी। खेल मंत्रालय को भी 13 राज्यों से प्रस्ताव मिले हैं, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। केआईएससीई राज्यों के लिए देश भर के वरिष्ठ एथलीटों को चुनिंदा खेलों में प्रशिक्षण देने और उनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए एक अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा है। केंद्र इसमें राज्यों को निधि देने और समर्थन करने के लिए तैयार है, और इसलिए, मैं हर राज्य से आग्रह करता हूं कि वे अवसंरचना की तत्काल पहचान करें जिसे वे केआईएससीई के लिए चिन्हित करना चाहेंगे।”
      राज्य के प्रतिनिधियों ने खेल मंत्री द्वारा चर्चा की गई योजनाओं के क्रियान्वयन पर खेल मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने में दिलचस्पी दिखाई। इनमें से कई ने पहले से मौजूद राज्य स्तरीय वार्षिक प्रतियोगिताओं और जमीनी स्तर की प्रतिभा पहचान योजनाओं का विवरण साझा किया।
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Monday, August 3, 2020

खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन में पाठ्यक्रम शुरू

प्रविष्टि तिथि: 03 AUG 2020 3:34PM by PIB Delhi
एनएसएनआईएस पटियाला और सीएसएस-एसआरआईएचईआर ने उठाया प्रशंसनीय कदम 
 मकसद खेल संबंधी परिवेश को बुनियादी स्तर पर मजबूती प्रदान करना 
प्रतीकात्मक फोटो जिसे Markus Spiske of  Unsplash  ने क्लिक किया 
नई दिल्ली: 3 अगस्त 2020: (पीआईबी//खेल स्क्रीन)::
इस बात को सुनिश्चित करने के एक प्रयास के रूप में कि खेल विज्ञान को एथलीटों को प्रशिक्षित करने के लिए बुनियादी स्तर पर भी लागू किया जाए, एनएसएनआईएस पटियाला ने सीएसएस-एसआरआईएचईआर, चेन्नई (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के साथ, खेल विज्ञान विषयों में संयुक्त रूप से छह महीने के प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य, खेल विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले योग्य युवा पेशेवरों को विशेषज्ञता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना है। पहले चरण में, खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन पाठ्यक्रमों की शुरुआत ऑनलाइन माध्यम से की जा रही हैं, उन पाठ्यक्रमों के लिए 3 अगस्त 2020 से नामांकन प्रारंभ किए गए हैं। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य उन पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान करना है जो कि सामुदायिक कोचों और विकासात्मक कोचों के साथ मिलकर जमीनी स्तर के प्रशिक्षण में खेल विज्ञान का उपयोग कर सकते हैं।
खेल फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम की लिखित प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की पात्रता फिजियोथेरेपी (ऑर्थो/खेल) में परास्नातक की डिग्री है। जिन लोगों के पास किसी खेल संस्थान, खेल टीम या क्लब में तीन वर्ष काम करने का अनुभव प्राप्त होने के साथ-साथ फिजियोथेरेपी में स्नातक की डिग्री है, वे भी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। खेल न्यूट्रीशन पाठ्यक्रम के लिए, जो व्यक्ति प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं, उनके पास किसी भी विषय में परास्नातक की डिग्री होनी चाहिए, जिसमें खाद्य और पोषण, एप्लाइड न्यूट्रीशन, सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण, नैदानिक पोषण और आहार विज्ञान, खाद्य विज्ञान और गुणवत्ता नियंत्रण या खेल न्यूट्रीशन भी शामिल हैं। उपरोक्त में से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री रखने वाले, और साथ ही किसी भी मान्यता प्राप्त खेल संस्थान, क्लब या राज्य या राष्ट्रीय स्तर की टीम में तीन वर्ष काम करने का अनुभव रखने वाले भी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
छह महीने के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा, जिसमें खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन के सभी महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे। पाठ्यक्रम के भाग के रूप में, दो सप्ताह की शारीरिक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी, और जिसका आयोजन कोविड महामारी के बाद किया जाएगा। अंतिम रूप से प्रमाणपत्र देने के लिए, उपस्थित लोगों का मूल्यांकन ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी और लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।
भारतीय खेल प्राधिकरण के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (अकादमिक), कर्नल आरएस बिश्नोई ने जमीनी स्तर के कोचों की खेल शिक्षा में, खेल विज्ञान को शामिल करने के महत्व के संदर्भ में कहा कि, "खेल विज्ञान में नए पाठ्यक्रमों को शामिल करने का उद्देश्य, ज्यादा वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण प्रदान करके बुनियादी स्तर पर खेल संबंधी परिवेश को मजबूती प्रदान करना है। इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद, ये पेशेवर जमीनी स्तर पर सामुदायिक कोचों और विकासात्मक कोचों के साथ काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे और जूनियर एथलीटों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। दूसरे चरण में भारतीय खेल प्राधिकरण, एक्सरसाइज फिजियोलॉजी, खेल बायोमैकेनिक्स, स्ट्रेंथ एंड कंडिशन, खेल साइकोलॉजी में भी पाठ्यक्रमों की शुरुआत करेगा।"
पाठ्यक्रम की अध्ययन सूची के संदर्भ में सीएसएस-एसआरआईएचईआर के निदेशक, प्रोफेसर अरुणमुगम ने कहा कि, “इन पाठ्यक्रमों को खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन के क्षेत्र में नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय चलनों को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। पाठ्यक्रम में खेल विज्ञान को शामिल करना, यहां तक ​​कि जमीनी स्तर पर भी, इस क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को एक एथलीट की जरूरतों को ठीक प्रकार से समझने में सहायता प्रदान करेगा। इन पाठ्यक्रमों को सर्वश्रेष्ठ भारतीय संकाय और विदेशी विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाएगा।”
इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन फॉर्म, तीन अगस्त से 10 अगस्त तक ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिसके बाद पात्र उम्मीदवारों के लिए 16 अगस्त, 2020 को लिखित ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों की शुरुआत 24 अगस्त, 2020 से होगी।
एसजी/एएम/एके/एसके

Wednesday, February 26, 2020

SCD राजकीय कालेज लुधियाना में दो दिवसीय खेल उत्सव शुरू

Wednesday: 26th  February 2020 at 17:44 PM Whats app
कल तक चलेगा दो दिवसीय 100 वां वार्षिक खेल समारोह 
लुधियाना: 26 फरवरी 2020: (कार्तिका सिंह//खेल स्क्रीन):: 
शताब्दी वर्ष 2020 सतीश चन्द्र धवन महाविद्यालय लुधियाना में द्विदिवसीय वार्षिक खेल समारोह आज बहुत  ही जोशो खरोश से आरम्भ हो गया। कल शुक्रवार  27 फरवरी 2020 तक चलने वाले इस दो  दिवसीय खेल उत्सव में बहुत से खिलाडियों का प्रदर्शन देखने को मिलेगा। यह 100 वां वार्षिक खेल समारोह आज बहुत ही उत्साह से आरम्भ किया गया जिसमें श्री सिमरत पाल सिंह ढींडसा डी.सी.पी. लुधियाना मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कालेज के प्रिंसीपल डा. धर्म सिंह संधु जी ने फूलों का गुलदस्ता देकर इस विशेष मेहमान से सुस्वागतम कहा। समारोह में कालेज के सुबह की शिफ्ट और शाम की शिफ्ट दोनों ने ही मिलजुल कर एक टीम भावना से भाग लिया।  समारोह का शुभारम्भ  प्रिंसीपल धर्म सिंह संधू ने ज्योति प्रज्वलित करके पारम्परिक ढंग से किया। मशाल लाने वाले खिलाड़ी विश्वजीत सिंह पंजाब स्टेट बास्केटबाल चैम्पियनशिप में गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुके हैं। नार्थ जान बास्केटबाल चैम्पियनशिप में सिल्वर मैडल प्राप्त किया। अन्तर्कालेज प्रतियोगिता में ब्रान्ज मैडल प्राप्त किया। खेलो इण्डिया गेमज़ में गोल्ड मैडल प्राप्त किया) साहिल (पंजाब स्टेट अंडर 25 हैंडबाल मैन मुकाबले में गोल्ड मैडल प्राप्त किया।) प्रदीप प्रधान (पंजाब स्टेट अंडर हैंडबाल मुकाबले में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। नार्थ जान अन्तर युनिवर्सिटी मुकाबले में ब्रान्ज मैडल प्राप्त किया) गोविन्द कुमार (अन्तर कालेज खो-खो मुकाबले में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रतिनिधिता की तथा नार्थ ज़ोन युनिवर्सिटी में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। पंजाब स्टेट में सिल्वर मैडल प्राप्त किया। अमनिंदर सिंह ने 400 मीटर की दौड़ में अन्तर कालेज मुकाबले में सिल्वर मैडल प्राप्त किया। पंजाब स्टेट अंडर 20 में 110 मीटर हर्डलज़ तथा 400 मीटर हर्डलज़ दौड़ में ब्रान्ज मैडल प्राप्त किया। कुनाल पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रतिनिधिता की तथा नार्थ जान अन्तर यूनिवर्सिटी में भाग लिया। ओपन जिला टूर्नामैण्ट में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। ओपन पंजाब स्टेट अंडर 19 में गोल्ड मैडल प्राप्त किया और सनप्रीत सिंह अन्तर कालेज मुकाबले में ब्रान्ज मैडल, नार्थ जान अन्तर युनिवर्सिटी में भाग लिया। जुनियर नैशनल चैम्पियनशिप में भाग लिया। अंडर 25पंजाब स्टेट गेमज़ में गोल्ड मैडल प्राप्त किया ने भी अहम भूमिका निभाई। फ्लैग लाने वाले खिलाड़ी गुरबाज सिंह,(बास्केटबाल) गुरनूर सिंह (बास्केटबाल) गुरकोमल सिंह (ऐथलैटिक्स) श्याम (खो खो) निहाल वडेरा (क्रिकेट) अभिषेक बालीबाल) जसवीर सिंह (खो खो) तथा दीक्षा (ताइक्वांडो) ने इस प्रथा को निभाया। खेल समारोह में लड़के-लड़कियों दोनों ने भाग लिया जिसमें 800 मी दौड़ (लड़के) में सुबह का कालेज सक्रिय रहा। जैवलीन थ्रो में  (लड़कियां) सुबह का का कालेज शानदार प्रदर्शन करता रहा। इसी तरह 100 मी दौड़ (लड़के) स्पर्धा में सुबह का कालेज, 100 मी दौड़ (लड़के) शाम का कालेज, लंबी छलांग में (लड़के) शाम का कालेज, 5000 मी दौड़ (लड़के) सुबह का कलेज, तिहरी छलांग (लड़के) सुबह का कालेज,  जैवलीन फैंकना (लड़के) में सुबह का कलेज, जैवलीन फैंकना प्रतियोगिता में ही (लड़के) शाम का कालेज, 100 मी दौड़ (लड़कियां) सुबह का कालेज, उंची छाल (लड़कियां) सुबह का कालेज, लम्बी छाल ( लड़कियां) सुबह का कालेज,800 मी दौड़ (लड़के) शाम का कालेज,डिस्कस फैंकना (लड़कियां) सुबह का कालेज, गोला फैंकना (लड़के) शाम का कालेज, गोला फैंकना (लड़कियों) सुबह का कालेज, 200 मी दौड़ (लड़के) सुबह का कालेज, 200 मी दौड़ शाम का कालेज, ऊंची छाल (लड़के) शाम का कालेज,तथा डिस्कस फैंकना (लड़के) शाम का कालेज, खेलें खेलीं गयीं। 

Thursday, January 23, 2020

गुवाहाटी में महिला वर्ग के वेटलिफ्टिंग मुकाबले

 87 किग्रा जूनियर की स्वर्ण पदक विजेता रही कर्नाटक की उषा एस.आर 
गुवाहाटी: 22 जनवरी 2020: (PIB//खेल स्क्रीन)::
तीसरे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 22 जनवरी 2020 को गुवाहाटी में महिला वर्ग की 87 किग्रा जूनियर वेटलिफ्टिंग की स्वर्ण पदक विजेता कर्नाटक की उषा एस.आर, रजत पदक विजेता उत्तर प्रदेश की शिवांगी सिंह और कांस्य पदक विजेता ओडिशा की बनिता घडे।

Wednesday, January 22, 2020

महिला लाइट वेल्टर 64 कि.ग्रा.

 मुक्केबाजी की स्वर्ण पदक विजेता असम की अंकुशिता बोरो के साथ 
गुवाहाटी: 22 जनवरी 2020: (PIB//खेल स्क्रीन ब्यूरो)::
तीसरे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 22 जनवरी 2020 को गुवाहाटी में महिला लाइट वेल्टर 64 किग्रा मुक्केबाजी की स्वर्ण पदक विजेता असम की अंकुशिता बोरो, रजत पदक विजेता हरियाणा की मनीषा, कांस्य पदक विजेता विंका और कांस्य पदक विजेता मणिपुर की निंगथौजम देवी।