Sunday, August 22, 2021

ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाडियों का विशेष सम्मान: विजय इंदर सिंगला

 Sunday: 22nd August 2021 at 8:06 PM

पंजाबी हॉकी खिलाडिय़ों को समर्पित किये 10 सरकारी स्कूलों के नाम

ओलंपिक खिलाडिय़ों के नाम पर स्कूलों के नाम रखे जाने से विद्यार्थियों को खेल में आगे आने के लिए मिलेगी प्रेरणा: स्कूल शिक्षा मंत्री

चंडीगढ़: 22 अगस्त 2021: (खेल स्क्रीन//पंजाब स्क्रीन)::

पंजाब के स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से ओलंपिक पदक विजेता हॉकी खिलाडिय़ों के सम्बन्धित क्षेत्रों के स्कूलों के नाम इन खिलाडिय़ों को समर्पित किये हैं।

श्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि मुख्यमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में काँस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के 11 पंजाबी खिलाडिय़ों के नाम पर स्कूलों के नाम रखने की मंजूरी दे दी है।

मंत्री ने कहा कि सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल (जी.एस.एस.एस) मि_ापुर, जालंधर का नाम भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल अब ओलंपियन मनप्रीत सिंह सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल मि_ापुर के नाम के साथ जाना जायेगा।

श्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल टिंमोवाल, अमृतसर का नाम उप कप्तान हरमनप्रीत सिंह के नाम पर रखा गया है जो ओलंपिक में भारत के लिए सबसे अधिक छह गोल दागने वाला भारतीय खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि अब यह स्कूल ओलंपियन हरमनप्रीत सिंह सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल, टिंमोवाल के तौर पर जाना जायेगा।

श्री सिंगला ने बताया कि सरकारी प्राइमरी स्कूल मि_ापुर, जालंधर का नाम ओलंपियन मनदीप सिंह वरुण कुमार सरकारी प्राइमरी स्कूल मि_ापुर, जालंधर रखा गया है। उन्होंने बताया कि दोनों खिलाडिय़ों ने क्रमवार स्ट्राइकर और डिफेंस खिलाड़ी के तौर पर ओलंपिक के दौरान बहुत शानदार प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल अटारी, अमृतसर अब ओलंपियन समशेर सिंह सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल अटारी के तौर पर जाना जायेगा, जिसने टूर्नामैंट के दौरान एक सफल मिडफील्डर के तौर पर बेहतरीन भूमिका निभाई।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सरकारी मिडल स्कूल, बेसिक गर्लज़ फरीदकोट को ओलंपियन रुपिन्दरपाल सिंह सरकारी मिडल स्कूल, बेसिक गर्लज़ फरीदकोट का नाम दिया गया है। रुपिन्दरपाल ने भी टोक्यो ओलंपिक्स में 4 गोल किये थे।

उन्होंने कहा कि सरकारी मिडल स्कूल खुसरोपुर, जालंधर को ओलंपियन हार्दिक सिंह सरकारी मिडल स्कूल खुसरोपुर, जालंधर का नाम दिया गया है क्योंकि हार्दिक ने नॉक आउट पड़ाव में बहुत अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने बताया कि सरकारी प्राइमरी स्कूल खलहिरा, अमृतसर का नाम ओलंपियन गुरजंट सिंह सरकारी प्राइमरी स्कूल खलहिरा, अमृतसर कर दिया गया है। इसी तरह सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल बुताला, अमृतसर का नाम ओलंपियन दिलप्रीत सिंह सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल बुताला रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि गुरजंट और दिलप्रीत दोनों भारतीय हॉकी टीम में स्ट्राइकर के तौर पर खेल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी हाई स्कूल चाहल कलाँ, गुरदासपुर को ओलंपियन सिमरनजीत सिंह सरकारी हाई स्कूल चाहल कलाँ, गुरदासपुर का नाम दिया गया है। काँस्य पदक के मुकाबले में सिमरनजीत ने दो बहुत अहम गोल दागे थे।

उन्होंने बताया कि सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल हुसैनपुर, आर.सी.एफ., कपूरथला को ओलंपियन कृष्ण बी. पाठक सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल हुसैनपुर, आर.सी.एफ, कपूरथला का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि पाठक भारतीय टीम में आरक्षित गोलकीपर के तौर पर शामिल थे।

श्री सिंगला ने कहा कि भारतीय खेल के क्षेत्र में पंजाब का सुनहरी योगदान है और इसने देश में ओलंपिक के लिए दूसरी सबसे बड़ी टीम भेजी थी क्योंकि कुल 124 खिलाडिय़ों में से 20 पंजाब के थे।

श्री सिंगला जो लोक निर्माण विभाग का कार्यभार भी संभाल रहे हैं, ने बताया कि इसके अलावा सम्बन्धित पदक विजेता खिलाड़ी के निवास या गाँव या क्षेत्र को जोडऩे वाली सडक़ों का नाम भी उन खिलाडिय़ों के नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास विद्यार्थियों और अन्य नौजवानों को उनकी मनपसंद खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।

Wednesday, August 18, 2021

हरियाणा का लाल नीरज चोपड़ा देश का गौरव है

 मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किया नीरज का विशेष सम्मान  


चंडीगढ़
: 18 अगस्त 2021: (खेल स्क्रीन//हरियाणा स्क्रीन)::

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा का लाल नीरज चोपड़ा देश का गौरव है। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने आवास पर मुलाकात के लिए पहुंचे ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा से मुलाकात के दौरान यह बात कही। इस दौरान हरियाणा के खेल राज्य मंत्री सरदार सन्दीप सिंह भी मौजूद रहे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीरज चोपड़ा ने देश के साथ-साथ हरियाणा ही नहीं अपने गांव और परिवार का भी नाम रोशन किया है। नीरज की इस उपलब्धि में परिवार का बड़ा योगदान है। परिवार के योगदान के परिणामस्वरूप ही नीरज ने देश का गौरव बढ़ाने का काम किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने नीरज से लंबी बातचीत की और उनके अनुभवों के बारे में जाना। उनके कोच, भाला फेंक के राष्ट्रीय रिकॉर्ड और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड को लेकर भी चर्चा हुई। 

नीरज को श्रीमद्भागवत गीता भेंट की

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने नीरज चोपड़ा का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया और उन्हें शाल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने नीरज को श्रीमद्भागवत गीता की प्रति भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने नीरज के साथ आए उनके चाचा भीम चोपड़ा को भी शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। 

बातचीत के दौरान नीरज चोपड़ा के चाचा श्री भीम चोपड़ा ने मुख्यमंत्री को अपने गांव आने का न्यौता दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही कार्यक्रम बनाता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए खेल राज्यमंत्री सरदार सन्दीप सिंह कोऑर्डिनेट कर लेंगे। 

उल्लेखनीय है कि ओलंपिक में हरियाणा के खिलाडिय़ों के महत्वपूर्ण मुकाबलों को देखने के लिए मुख्यमंत्री ने अति व्यस्तता के बावजूद समय जरूर निकाला। 

हरियाणा को खेलों का हब बनाना लक्ष्य

नीरज चोपड़ा से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य हरियाणा को खेलों का हब बनाना है। इसके लिए नीरज चोपड़ा जैसे होनहार खिलाड़ी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का काम करेंगे ही।

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अन्य खिलाडिय़ों के गांव वालों से भी मिलना हुआ है और उन्होंने भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए अच्छे सुझाव दिए हैं। खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 

उन्होंने कहा कि पंचकूला में एथलेटिक्स के लिए स्थापित किये जा रहे उत्कृष्टता केंद्र खेलों के बढ़ावे के लिए कारगर साबित होगा। 

सम्मान समारोह में न पहुंच पाने का मलाल-नीरज

गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने कहा कि 13 अगस्त को हरियाणा सरकार की तरफ से आयोजित सम्मान समारोह में बीमार होने के कारण नहीं पहुंच पाया था। उक्त कार्यक्रम में शामिल न हो पाने का मलाल है। 

उन्होंने महिला हॉकी खिलाडिय़ों को विशेष तौर पर सम्मानित करने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

नीरज ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमन्त्री जी और मुख्यमंत्री जी से मुलाकात में केवल खेलों पर ही बात हुई। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री जी से मुलाकात के बाद बेहद अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि वे आने वाले समय में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हरियाणा का चूरमा तो सब जगह प्रसिद्ध है।   

इस दौरान खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रधान सचिव श्री एके सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, एडीजीपी सीआईडी श्री आलोक मित्तल, खेल विभाग के निदेशक श्री पंकज नैन सहित खेल विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। 


Saturday, August 7, 2021

भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने दिखाया जीत का जादू

Posted On: 07 AUG 2021 6:46PM by PIB Delhi

 एथलेटिक्स में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने 


टोक्यो ओलंपिक में भारत को मिला सातवां पदक 

इससे देश को अभी तक मिले सबसे ज्यादा पदक हैं

नीरज चोपड़ा ने कमाल कर दिखाया है। उसने साबित क्र दिया है की जूनून और लग्न हो तो सब कुछ सम्भव हो सकता है। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इतिहास रचने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी। 

खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने भी नीरज की ख़ुशी और उत्साह को बढ़ाते हुए कहा, बधाई नीरज, आपका नाम इतिहास की पुस्तकों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा

टोक्यो ओलंपिक में आज 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही, वह स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट और अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इस शानदार प्रदर्शन के साथ, नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या सात तक पहुंचा दी, जो 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जीते अभी तक के सबसे ज्यादा छह पदकों से ज्यादा हैं। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और उत्साही देशवासियों ने भारत को गौरवान्वित करने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी।

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने नीरज चोपड़ा को बधाई दी और कहा, आपकी असाधारण उपलब्धि युवाओं की प्रेरित करेगी। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “नीरज चोपड़ा की असाधारण जीत! भाला फेंक में आपका स्वर्ण कई बाधाओं को तोड़ता है और इतिहास रचता है। अपने पहले ओलंपिक में आप भारत के लिए अभी तक का पहला ट्रैक एंड फील्ड पदक लेकर आए हैं। आपकी असाधारण उपलब्धि युवाओं को प्रेरित करेगी। भारत उत्साहित है! हार्दिक बधाइयां।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शानदार प्रदर्शन के लिए नीरज को बधाई दी और ट्वीट किया, "टोक्यो में इतिहास रचा गया है! नीरज चोपड़ा ने आज जो उपलब्धि हासिल की है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। वह असाधारण उत्साह के साथ खेले और बेजोड़ धैर्य का प्रदर्शन किया। स्वर्ण जीतने के लिए उन्हें बधाई।

खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने बधाई संदेश के साथ जीत के पल देखने की अपनी एक क्लिप साझा की। खेल मंत्री ने ट्वीट किया, “नीरज चोपड़ा, भारत के गोल्डन ब्वॉय! आपका शानदार थ्रो एक अरब तारीफों का हकदार है! आपका नाम इतिहास की पुस्तकों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।#Tokyo2020”

नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत विवरण:

खेल: पुरुष भाला फेंक में कमल कर दिखाने वाले नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को पानीपत, हरियाणा

में हुआ। प्रशिक्षण शिविर: रहा साई एनएसएनआईएस पटियाला जिससे पंजाब से भी गहरा राब्ता और नाता रहा। 

वर्तमान प्रशिक्षण शिविर: उप्साला, स्वीडन रहा। राष्ट्रीय कोच: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज ने बहुत से गुर सिखाए। 

गौरतलब है कि नीरज हरियाणा के खंडरा गांव के रहने वाले हैं। वह जब 12 वर्ष के थे, तब उनके शरीर का वज़न  सामान्य से अधिक था। यह एक स्पष्ट इशारा था और उनके परिवार के लोग लगातार उनसे खेल की दुनिया में उतरने के लिए कहते रहे। आखिरकार नीरज ने अपने परिवार वालों की बात मानते हुए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रशिक्षण शुरू कर दिया। कुछ सीनियर को स्टेडियम में भाला फेंकते हुए देखने के बाद, नीरज ने भाला फेंक खेल के क्षेत्र में ही अपनी किस्मत आज़माने का फैसला किया। सौभाग्य से नीरज को तंदुरुस्त बनने के लिए कठोर प्रशिक्षण करने के एक माध्यम के तौर पर इस खेल ने आकर्षित किया। इसके बाद वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले भाला फेंक खिलाड़ी बन का सामने आया। यह एक बहुत ही सम्मान की बात थी। इससे और उम्मीदें जगीं। नीरज ने और मेहनत शुरू की। इससे सफलता का गुरमन्त्र और मज़बूत होता चला गया। 

इससे उपलब्धियां भी बढ़तीं चलीं गईं। इस सूची का लम्बा होते जाना भी सभी के लिए एक छुपी हुई ख़ुशी बन रहा था।  स्वर्ण पदक, एशियाई खेल 2018 में जीतना बहुत बड़ा एलान था अपने आप में। 

इसी तरह स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भी एक और सम्मान जोड़ गया। फिर स्वर्ण पदक, एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017,  स्वर्ण पदक, विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2016, - स्वर्ण पदक, दक्षिण एशियाई खेल 2016, रजत पदक, एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2016, वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (88.07 मीटर - 2021) और वर्तमान विश्व जूनियर रिकॉर्ड धारक (86.48 मीटर - 2016) भी उल्लेखनीय रहा। 

सरकार भी उत्साहित रही और इस तरफ ध्यान देती रही। सरकार ने सहायता में भी योगदान दिया। सरकार से मिली प्रमुख मदद में शामिल है यूरोप में प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए वीजा सपोर्ट लेटर,स्पोर्ट्स गियर और रिकवरी इक्विपमेंट की खरीद के लिए वित्तीय सहायता,नेशनल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के लिए बायो-मैकेनिस्ट विशेषज्ञ सह कोच की भर्ती और विदेशों में खेलने के अवसर,महासंघ और एनजीओ के साथ इंजरी मैनेजमेंट और रिहैबिलिटेशन और वर्तमान ओलंपिक चक्र में 26 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए वित्तीय सहायता इत्यादि। वित्त पोषण (रियो ओलंपिक 2016 के बाद से अब तक) जारी है। 

टाप्स

एसीटीसी

कुल

करीब 52,65,388 रुपये

करीब 1,29,26,590 रुपये

करीब 1,81,91,978 रुपये

कोच (प्रशिक्षकों) का विवरण:

ग्रासरूट लेवल: श्री जय चौधरी

डेवलपमेंट लेवल: दिवंगत श्री गैरी कैलवर्ट और श्री यू होन

एलीट लेवल: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज

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एमजी/एएम/एमपी/पीके/डीवी

Friday, August 6, 2021

अब खेलरत्न पुरस्कार का नाम होगा मेजर ध्यानचंद खेल रत्न

 हॉकी का जादूगर कहा जाता था मेजर ध्यान चंद को 

नयी दिल्ली: 6 अगस्त 2021: (खेल स्क्रीन ब्यूरो)::

भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब राजीव गांधी खेल रत्न नहीं बल्कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न होगा। भारतीय हॉकी टीमों के तोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया है। इसे एक बहुत बड़े फैसले के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि लोग मेजर ध्यान चंद को हॉकी का जादूगर कहते थे। एक किवदंती थी कि मेजर ध्यानचंद की हॉकी में कोई ऐसा चुंबक लगा हुआ होता है जिससे गेंद उस हॉकी के साथ साथ ही रहती है। हालाँकि ऐसा कुछ भी नहीं  था लेकिन आम लोगों के दिलों और दिमाग में कुछ ऐसी धारणा बन चुकी थी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब यह घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें देशवासियों के अनुरोध मिल रहे हैं कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाये तो बहुत से लोगों को मेजर ध्यान  चंद की वो भूली बिसरी  पुरानी कहानियां भी याद आ गईं। 

इस पर बाकायदा ट्वीट भी किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने इस पर बाकायदा ट्वीट किया ,"देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाये। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।"

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि टोक्यो लंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है। उन्होंने कहा कि अब हॉकी में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है जो आने वाले समय के लिये सकारात्मक संकेत है ।

गौरतलब है कि खेल रत्न सम्मान के तहत 25 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाता है।