Saturday, August 7, 2021

भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने दिखाया जीत का जादू

Posted On: 07 AUG 2021 6:46PM by PIB Delhi

 एथलेटिक्स में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने 


टोक्यो ओलंपिक में भारत को मिला सातवां पदक 

इससे देश को अभी तक मिले सबसे ज्यादा पदक हैं

नीरज चोपड़ा ने कमाल कर दिखाया है। उसने साबित क्र दिया है की जूनून और लग्न हो तो सब कुछ सम्भव हो सकता है। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इतिहास रचने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी। 

खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने भी नीरज की ख़ुशी और उत्साह को बढ़ाते हुए कहा, बधाई नीरज, आपका नाम इतिहास की पुस्तकों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा

टोक्यो ओलंपिक में आज 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही, वह स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट और अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इस शानदार प्रदर्शन के साथ, नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या सात तक पहुंचा दी, जो 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जीते अभी तक के सबसे ज्यादा छह पदकों से ज्यादा हैं। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और उत्साही देशवासियों ने भारत को गौरवान्वित करने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी।

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने नीरज चोपड़ा को बधाई दी और कहा, आपकी असाधारण उपलब्धि युवाओं की प्रेरित करेगी। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “नीरज चोपड़ा की असाधारण जीत! भाला फेंक में आपका स्वर्ण कई बाधाओं को तोड़ता है और इतिहास रचता है। अपने पहले ओलंपिक में आप भारत के लिए अभी तक का पहला ट्रैक एंड फील्ड पदक लेकर आए हैं। आपकी असाधारण उपलब्धि युवाओं को प्रेरित करेगी। भारत उत्साहित है! हार्दिक बधाइयां।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शानदार प्रदर्शन के लिए नीरज को बधाई दी और ट्वीट किया, "टोक्यो में इतिहास रचा गया है! नीरज चोपड़ा ने आज जो उपलब्धि हासिल की है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। वह असाधारण उत्साह के साथ खेले और बेजोड़ धैर्य का प्रदर्शन किया। स्वर्ण जीतने के लिए उन्हें बधाई।

खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने बधाई संदेश के साथ जीत के पल देखने की अपनी एक क्लिप साझा की। खेल मंत्री ने ट्वीट किया, “नीरज चोपड़ा, भारत के गोल्डन ब्वॉय! आपका शानदार थ्रो एक अरब तारीफों का हकदार है! आपका नाम इतिहास की पुस्तकों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।#Tokyo2020”

नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत विवरण:

खेल: पुरुष भाला फेंक में कमल कर दिखाने वाले नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को पानीपत, हरियाणा

में हुआ। प्रशिक्षण शिविर: रहा साई एनएसएनआईएस पटियाला जिससे पंजाब से भी गहरा राब्ता और नाता रहा। 

वर्तमान प्रशिक्षण शिविर: उप्साला, स्वीडन रहा। राष्ट्रीय कोच: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज ने बहुत से गुर सिखाए। 

गौरतलब है कि नीरज हरियाणा के खंडरा गांव के रहने वाले हैं। वह जब 12 वर्ष के थे, तब उनके शरीर का वज़न  सामान्य से अधिक था। यह एक स्पष्ट इशारा था और उनके परिवार के लोग लगातार उनसे खेल की दुनिया में उतरने के लिए कहते रहे। आखिरकार नीरज ने अपने परिवार वालों की बात मानते हुए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रशिक्षण शुरू कर दिया। कुछ सीनियर को स्टेडियम में भाला फेंकते हुए देखने के बाद, नीरज ने भाला फेंक खेल के क्षेत्र में ही अपनी किस्मत आज़माने का फैसला किया। सौभाग्य से नीरज को तंदुरुस्त बनने के लिए कठोर प्रशिक्षण करने के एक माध्यम के तौर पर इस खेल ने आकर्षित किया। इसके बाद वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले भाला फेंक खिलाड़ी बन का सामने आया। यह एक बहुत ही सम्मान की बात थी। इससे और उम्मीदें जगीं। नीरज ने और मेहनत शुरू की। इससे सफलता का गुरमन्त्र और मज़बूत होता चला गया। 

इससे उपलब्धियां भी बढ़तीं चलीं गईं। इस सूची का लम्बा होते जाना भी सभी के लिए एक छुपी हुई ख़ुशी बन रहा था।  स्वर्ण पदक, एशियाई खेल 2018 में जीतना बहुत बड़ा एलान था अपने आप में। 

इसी तरह स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भी एक और सम्मान जोड़ गया। फिर स्वर्ण पदक, एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017,  स्वर्ण पदक, विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2016, - स्वर्ण पदक, दक्षिण एशियाई खेल 2016, रजत पदक, एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2016, वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (88.07 मीटर - 2021) और वर्तमान विश्व जूनियर रिकॉर्ड धारक (86.48 मीटर - 2016) भी उल्लेखनीय रहा। 

सरकार भी उत्साहित रही और इस तरफ ध्यान देती रही। सरकार ने सहायता में भी योगदान दिया। सरकार से मिली प्रमुख मदद में शामिल है यूरोप में प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए वीजा सपोर्ट लेटर,स्पोर्ट्स गियर और रिकवरी इक्विपमेंट की खरीद के लिए वित्तीय सहायता,नेशनल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के लिए बायो-मैकेनिस्ट विशेषज्ञ सह कोच की भर्ती और विदेशों में खेलने के अवसर,महासंघ और एनजीओ के साथ इंजरी मैनेजमेंट और रिहैबिलिटेशन और वर्तमान ओलंपिक चक्र में 26 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए वित्तीय सहायता इत्यादि। वित्त पोषण (रियो ओलंपिक 2016 के बाद से अब तक) जारी है। 

टाप्स

एसीटीसी

कुल

करीब 52,65,388 रुपये

करीब 1,29,26,590 रुपये

करीब 1,81,91,978 रुपये

कोच (प्रशिक्षकों) का विवरण:

ग्रासरूट लेवल: श्री जय चौधरी

डेवलपमेंट लेवल: दिवंगत श्री गैरी कैलवर्ट और श्री यू होन

एलीट लेवल: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज

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एमजी/एएम/एमपी/पीके/डीवी

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