09-सितम्बर-2013 12:50 IST
अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के फैसले का स्वागत
केंद्रीय खेल और युवा कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह ने 2020 के ओलम्पिक खेलों में कुश्ती को शामिल करने के अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की है। 8 सितंबर 2013 को ब्यूनस आयरस, अर्जेंटीना में समिति के 125वें अधिवेशन में ओलम्पिक्स-2020 में अन्य 25 प्रमुख खेलों के साथ कुश्ती को शामिल करने का फैसला लिया गया। कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में विवाद बना हुआ था। कुश्ती को शामिल करने का फैसला मतदान के जरिए हुआ।
12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक ने सिफारिश की थी कि कुश्ती को 2020 के ओलम्पिक्स में प्रमुख खेलों की सूची में शामिल न किया जाए। इसका संचालन कुश्ती एसोसिएशनों की अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा किया जाता है। 20 मई, 2013 को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में हुई बोर्ड की बैठक में सिफारिश की गई कि कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में आईओसी के 125वें अधिवेशन में विचार किया जाए।
12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा कुश्ती को प्रमुख खेलों की सूची से बाहर रखने के फैसले से धक्का लगा था। युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने आईओसी और उन देशों के साथ, जहां कुश्ती लोकप्रिय है, इस मामले को उठाया, ताकि कुश्ती को ओलम्पिक खेलों में शामिल रखा जा सके।
श्री जितेन्द्र सिंह ने आईओसी के अध्यक्ष श्री जैक्स रॉग को पत्र लिखकर उनसे बोर्ड के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। श्री जितेन्द्र सिंह ने अन्य देशों के खेल मंत्रियों को भी पत्र लिखा, जहां कुश्ती लोकप्रिय है और उनके पहलवानों ने लंदन ओलम्पिक्स-2012 में भाग लिया था। खेल सचिव ने भी विदेश सचिव को लिखा था कि विदेश मंत्रालय 70 देशों में हमारे राजदूतों और उच्चायुक्तों से कहे कि वे उन देशों के खेल मंत्रियों से इस मामले को आईओसी के सामने उठाऩे को कहें। 2 सितंबर, 2013 को मंत्रालय ने आईओसी के सभी सदस्यों से अनुरोध किया था कि वे कुश्ती को ओलम्पिक खेलों की प्रमुख सूची में शामिल रखने के बारे में फैसला लें।
इन सब प्रयासों का सुखद परिणाम निकला। कुश्ती 1886 में एथेंस में शुरू हुए आधुनिक ओलम्पिक खेलों में शामिल थी और उसके बाद भी रही है। प्राचीन ओलम्पिक्स में भी कुश्ती खेलों का हिस्सा थी। आज के समय में भी कुश्ती लोकप्रिय है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंदन ओलम्पिक्स-2012 में 71 देशों ने कुश्ती स्पर्धाओं में भाग लिया था। (PIB)
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वि. कासोटिया/राजगोपाल/शदीद-6070
अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के फैसले का स्वागत
Courtesy Photo |
12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक ने सिफारिश की थी कि कुश्ती को 2020 के ओलम्पिक्स में प्रमुख खेलों की सूची में शामिल न किया जाए। इसका संचालन कुश्ती एसोसिएशनों की अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा किया जाता है। 20 मई, 2013 को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में हुई बोर्ड की बैठक में सिफारिश की गई कि कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में आईओसी के 125वें अधिवेशन में विचार किया जाए।
12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा कुश्ती को प्रमुख खेलों की सूची से बाहर रखने के फैसले से धक्का लगा था। युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने आईओसी और उन देशों के साथ, जहां कुश्ती लोकप्रिय है, इस मामले को उठाया, ताकि कुश्ती को ओलम्पिक खेलों में शामिल रखा जा सके।
श्री जितेन्द्र सिंह ने आईओसी के अध्यक्ष श्री जैक्स रॉग को पत्र लिखकर उनसे बोर्ड के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। श्री जितेन्द्र सिंह ने अन्य देशों के खेल मंत्रियों को भी पत्र लिखा, जहां कुश्ती लोकप्रिय है और उनके पहलवानों ने लंदन ओलम्पिक्स-2012 में भाग लिया था। खेल सचिव ने भी विदेश सचिव को लिखा था कि विदेश मंत्रालय 70 देशों में हमारे राजदूतों और उच्चायुक्तों से कहे कि वे उन देशों के खेल मंत्रियों से इस मामले को आईओसी के सामने उठाऩे को कहें। 2 सितंबर, 2013 को मंत्रालय ने आईओसी के सभी सदस्यों से अनुरोध किया था कि वे कुश्ती को ओलम्पिक खेलों की प्रमुख सूची में शामिल रखने के बारे में फैसला लें।
इन सब प्रयासों का सुखद परिणाम निकला। कुश्ती 1886 में एथेंस में शुरू हुए आधुनिक ओलम्पिक खेलों में शामिल थी और उसके बाद भी रही है। प्राचीन ओलम्पिक्स में भी कुश्ती खेलों का हिस्सा थी। आज के समय में भी कुश्ती लोकप्रिय है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंदन ओलम्पिक्स-2012 में 71 देशों ने कुश्ती स्पर्धाओं में भाग लिया था। (PIB)
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वि. कासोटिया/राजगोपाल/शदीद-6070
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